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रिपोर्टर। 13 अक्तूबर
गोंदिया। जिले में पहला मामला है जब किसी जिलाधिकारी का स्वीय सहायक रहते हुए किसी निवेदनकर्ता से काम के एवज में रिश्वत मांगकर उस पर एन्टी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई हुई हो।
आज जिलाधिकारी कार्यालय गोंदिया में एक व्यक्ति से काम के एवज में 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते जिलाधिकारी के अतिरिक्त स्वीय सहायक एवं दंड शाखा के अव्वल कारकुन (वर्ग 3) राजेश अच्युतन मेनन को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया।
बताया गया कि शिकायतकर्ता हार्डवेयर व बर्तन बिक्री का व्यापारी है।उसे अपने पिता के निधन के बाद चिल्लर पटाखों का लाइसेंस अपने नाम हस्तांतरण करने उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय में निवेदन किया था।परंतु जिलाधिकारी के अतिरिक्त स्वीय सहायक व दंड शाखा के अव्वल कारकुन राजेश मेनन ने इस कार्य के एवज में उससे 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता कुछ दिनों से जिलाधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे थे। उन्होंने 900 रुपये का चालान बैंक में जमाकर रसीद भी जमा कर दी। जब शिकायतकर्ता ने राजेश मेनन से भेंट की तो उन्होंने 11 हजार रुपये रिश्वत की मांग की।
शिकायतकर्ता को ये रकम देना नागवार गुजरा और उसने रिश्वत प्रतिबंधक विभाग, (एसीबी) गोंदिया में आज 13 अक्तूबर को शिकायत दर्ज कराई।
इस मामले में जांच के बाद आज एन्टी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने जिलाधिकारी कार्यालय में जाल बिछाया और आरोपी राजेश मेमन को शिकायत कर्ता से 10 हजार रुपयों की रिश्वत स्वयं स्वीकारते हुए पंच के समक्ष गिरफ्तार किया व गोंदिया ग्रामीण थाने में धारा 7 रिश्वत प्रतिबंधक अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई कर अपराध दर्ज किया गया।
ये कार्रवाई पुलिस अधीक्षक एसीबी राकेश ओला, अपर पुलिस अधीक्षक मिलिंद तोतरे के मार्गदर्शन में पुलिस उपअधीक्षक पुरुषोत्तम अहेरकर गोंदिया, पुलिस निरीक्षक अतुल तवाड़े, पोहवा राजेश शेन्द्रे, नापोशी योगेश ऊइके, रंजीत बिसेन एवं नितिन रहांगडाले व अन्य द्वारा की गई।